धनबाद। सिंदरी FCI प्रबंधन की मंशा पर उठ रहे हैं सवाल… इसलिए कहा जा रहा है कि सिंदरी एफसीआइएल ने ओएसडी श्री सुरेंद्र सिंह शेखावत द्वारा बीते 15 अगस्त को एफसीआइएल आवास लीज पर देने की जो घोषणा के उपरांत जो नोटिफिकेशन जारी किया है, वह ऊहापोह की स्थिति पैदा कर रहा है. विभिन्न समाचार पत्रों एवं सोशलमीडिया पर नोटिफिकेशन को लेकर जो बातें सामने आ रही है, वह भ्रामक स्थिति को जन्म दिया है. कारण, लीज पर उपलब्ध आवासों को कहीं पैनल रेंट तो कहीं पूर्व में एफसीआइएल द्वारा वीएसएस कर्मचारियों को दिए गए लीज, के नियमावली की बात कहा जा रहा है. वहीं नोटिफिकेशन में एफसीआइएल के सितंबर 2002 के प्रावधानों एवं नियमों का उल्लेख किया गया है.
एफसीआइएल को लोगों की मनोस्थिति को देखते हुए लीज की सभी शर्तें, सभी आवासों का बिंदुवार किराया एवं डिपोजिट का भी नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए. जिससे की सभी नियम और प्रावधान स्पष्ट हो सके. और लोग भ्रामक तथ्य से परे होकर लाभ उठा पाए.
इस संबंध में जब एफसीआइएल के ओएसडी श्री सुरेंद्र सिंह शेखावत का स्पष्ट कहना है कि जो भी नोटिफिकेशन जारी किया गया है वह सिंदरी यूनिट इंचार्ज का प्रस्ताव है. जिसे स्वीकृति दिया गया है. इससे स्पष्ट है कि सिंदरी एफसीआइएल यूनिट इंचार्ज द्वारा बनाए गए प्रस्ताव पर अनुमोदन हुआ है. यदि पैनल रेंट पर स्कवायर फीट के हिसाब से मानक तय आवासों का किया गया है तो एफसीआइएल प्रबंधन सिंदरी को इस संबंध में स्पष्ट रेट चार्ट भी जारी करना चाहिए और भुगतान के लिए चेक/ड्राफ्ट/नगद को लेकर भी बैंक एकाउंट एवं अन्य जानकारी नोटिफिकेशन के जरिए जारी करना चाहिए.
यहां सवाल यह भी है कि जब एफसीआइएल मुख्यालय से कोई निर्देश जारी नहीं किया गया था तो फिर सिंदरी एफसीआइएल यूनिट इंचार्ज सिंदरी के लोगों के हित की अनदेखी कर पैनल रेट नियमावली का प्रावधान प्रस्ताव में क्यों रखा? क्या सिंदरी यूनिट प्रबंधन द्वारा यह सिंदरी के लोगों के साथ धोखा नहीं है? एफसीआइएल प्रबंधन सिंदरी यूनिट जल्द से जल्द लीज पर उपलब्ध होनेवाले सभी शर्तों, प्रावधानों और आवासों के रेट चार्ज जारी करे. कारण, एफसीआइएल द्वारा जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है उसपर हस्ताक्षर करने के बाद लाभुक अपने सभी अधिकार खो देगा. इसलिए, हस्ताक्षर से पहले सभी नियमों एवं शर्त को विस्तार से एफसीआइएल प्रबंधन नोटिफिकेशन के जरिए रखे, तभी तथ्य की सच्चाई सामने आ सकती है.
एफसीआइएल सिंदरी यूनिट प्रबंधन मंशा केन्द्र सरकार एवं मोदी सरकार विरोधी भी प्रतित हो रहा है. ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि, जब एफसीआइएल मुख्यालय या केन्द्र सरकार से कोई निर्देश नहीं दिया गया फिर सिंदरी यूनिट प्रबंधन ने पैनल रेट नियमावली को आधार क्यों बनाया? पैनल रेंट प्रावधानों के मुताबिक, लाभुकों को एकमुश्त भारी राशि का भुगतान करना पड़ेगा जो सभी के लिए संभव नहीं है. इसका अर्थ होता है कि एफसीआइएल सिंदरी यूनिट लाभ देने की मंशा नहीं रखते केबल खानापूर्ति चाहते हैं. जबकि, केन्द्र सरकार और एफसीआइएल मुख्यालय बसाने की बात कह रहा है. इसका सीधा अर्थ है कि इस अधुरे एवं लाभुकों के हित की अनदेखी करता एफसीआइएल सिंदरी यूनिट का नोटिफिकेशन बिचौलियों या केन्द्र सरकार विरोधी नीति का परिणाम तो नहीं? अगर ऐसा है तो सांसद के अगुवाई में दिल्ली फर्टिलाइजर मिनिस्टर से मिलने जा रहे भाजपा एवं सिंदरी के लोगों को चाहिए कि वे मंत्री महोदय को इस मंशा से अवगत कराएं. और भ्रामक तथ्य से परे सिंदरी के लोगों के हित में नोटिफिकेशन जारी की जाए.
ऊपर लिखे गए आर्टिकल का एक एक अक्षर जर्नलिस्ट मनोज मिश्र की हैं।वेद भारत पोर्टल इसके लिए मनोज मिश्र का आभार प्रकट करती है। लेख से संबधित किसी भी विवाद के लिए जर्नलिस्ट मनोज मिश्र उत्तरदायी होंगें
मनोज मिश्र जर्नलिस्ट