धनबाद। चुनाव आयोग का निर्देश के बावजूद धनबाद समेत अन्य जिलों के अधिकारी कैंसर, हृदय रोगी समेत अन्य गंभीर रोगों से पीड़ित बीमार कर्मियों को चुनाव ड्यूटी पर लगाया जा रहा है। अधिकारियों की गुंडागर्दी और जबरन ड्यूटी कराए जाने से मंगलवार को धनबाद में हृदय रोग से पीड़ित सेल कर्मी की जान चली गई। मृतक के घर वाले मौत के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार बता रहे हैं। वे चुनाव ड्यूटी पर नहीं जाना चाहते थे। इसके बावजूद अधिकारियों ने उन्हें जबरन चुनाव ड्यूटी पर लगा दिया। मौत के बाद मृतक के रिश्तेदारों के बीच चीख पुकार मची हुई है। मृतक के परिवार रोते बिलखते बार बार यही कह रहे थे कि कार्तिक घोष चुनाव ड्यूटी पर नहीं जाना चाह रहे थे। वे अधिकारियों से कह रहे थे कि वह हृदय रोग से पीड़ित है और डॉक्टर ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। चुनाव ड्यूटी के दौरान ईवीएम उठाकर ले जाने और उसे लेकर आने के साथ साथ काफी भाग दौड़ करना पड़ता है। इससे उनकी जान को खतरा है। फिर भी अधिकारी एक नहीं सुने और उनकी जान ले ली।
अस्पताल पहुंचने से पहले कार्तिक घोष ने तोड़ा दम
आपको बता दें कि धनबाद में चुनाव ड्यूटी में तैनात मतदान कर्मी कार्तिक घोष (56 वर्ष) की मौत मंगलवार को हो गई. वह निरसा पॉलिटेक्निक स्थित डिस्पैच सेंटर में ईवीएम कलेक्ट करने के लिए गए हुए थे. भीड़ में धक्का मुक्की के बीच ईवीएम उठाने के दौरान उनको बेचैनी के साथ साथ सीने में दर्द हुई और वह बेहोश होकर गिर पड़े। आननफानन में धनबाद के निरसा पॉलिटेक्निक में तैनात मेडिकल टीम ने उनका प्राथमिक उपचार किया. इसके बाद 108 एंबुलेंस के जरिये उन्हें धनबाद के एसएनएमएमसीएच अस्पताल में ले जाया गया. लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया था. अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. लोगों का कहना है कि चासनाला सेल में कार्यरत कर्मी कार्तिक घोष मतदान के लिए जरूरी सामग्री तैयार करवा रहे थे. इस दौरान अचानक उनके छाती में दर्द उठा. इसके बाद वह घटनास्थल पर ही गिर गये. वह पहले से ही हार्ट के मरीज थे. कुछ देर तक वहां अफरा-तफरी का माहौल हो था. डिस्पैच सेंटर पर मौजूद अन्य कर्मियों ने उन्हें निरसा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा।
रिपोर्ट – विजय सैनी