रांची। रांची के मोरहाबादी मैदान में हेमंत सोरेन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने हेमंत सोरेन को झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलायी. उन्होंने चौथी बार सीएम पद की शपथ ली. इस मौके पर मंच पर हेमंत सोरेन के पिता और दिशोम गुरु शिबू सोरेन, मां रूपी सोरेन, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई दिग्गज मौजूद रहे। गुरुवार को हेमंत सोरेन ने फिर झारखंड की बागडोर संभाल ली. राज्य में फिर हेमंत सोरेन की सरकार है. शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ उन्होंने ही मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. हालांकि पहले कांग्रेस और राजद कोटे से एक-एक मंत्री के शपथ लेने की चर्चा थी, लेकिन ‘इंडिया गठबंधन’ में इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका था. यही वजह रही कि हेमंत सोरेन ने अकेले ही शपथ ली।
इन्हें दिया गया था राजकीय अतिथि का दर्जा
अबुआ सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होनेवाले नेताओं को राजकीय अतिथि का दर्जा प्राप्त था. देश के विभिन्न राज्यों से अतिथि रांची पहुंचे. कांग्रेस, राजद और भाकपा माले के वरिष्ठ नेता समारोह में शामिल हुए।
समारोह में सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम
समारोह में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. दर्जनभर से ज्यादा आला अधिकारियों को शपथ ग्रहण समारोह की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने समारोह में उपस्थिति दर्ज कराकर ताकत दिखायी. पूरे राज्य से बड़ी संख्या में लोग रांची पहुंचे और समारोह के गवाह बने। हेमंत सोरेन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदय स्टालिन, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, कल्पना सोरेन, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लोकसभा सांसद पप्पू यादव, राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा समेत सहित कई दिग्गज मौजूद थे।
हेमंत सोरेन 16 साल में छात्र नेता से राज्यसभा सांसद, विधायक और 4 बार झारखंड का मुख्यमंत्री बनने तक का सफर
हेमंत सोरेन झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री बन चुके हैं. 16 साल के राजनीतिक जीवन में छात्र नेता से राज्यसभा सांसद, विधायक और 4 बार झारखंड का मुख्यमंत्री बनने का कीर्तिमान बनाया है. हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ले चुके हैं. इसके साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष ने एक इतिहास रच दिया है. वह पहले राजनेता बन गए हैं, जिन्होंने 4 बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।
1990 में हेमंत सोरेन ने पटना से पास की मैट्रिक की परीक्षा
झारखंड के जुझारू आदिवासी नेता शिबू सोरेन और रूपी सोरेन के घर जन्म लेने वाले हेमंत सोरेन की शुरुआती शिक्षा बोकारो जिले में हुई. सेंट्रल स्कूल में पढ़ाई करने के बाद पटना के एमजी हाई स्कूल से वर्ष 1990 में मैट्रिक की परीक्षा पास की. पटना से ही साइंस में इंटर की भी परीक्षा पास की।
2003 में छात्र नेता के रूप में राजनीति में रखा कदम
बाद में उनका दाखिला रांची के बीआईटी में इंजीनियरिंग में कराया गया. हालांकि, वह पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए. वर्ष 2003 में राजनीति में हेमंत सोरेन ने कदम रखा. उन्हें झारखंड छात्र मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया. 24 जून 2009 को वह राज्यसभा के लिए चुने गए. 10 अगस्त 1975 को जन्मे हेमंत सोरेन महज 7 महीने तक उच्च सदन के सदस्य रहे.
2009 में दुमका विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए
23 दिसंबर 2009 को वह दुमका (एसटी) विधानसभा सीट से विधायक चुने गए. इसके बाद 4 जनवरी 2009 को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. कुछ ही समय में हेमंत सोरेन ने राजनीति की ऊंचाइयों को छुआ. महज 16 साल के राजनीतिक करियर में उन्होंने 4 बार मुख्यमंत्री बने. इसके पहले मंत्री और उप-मुख्यमंत्री भी रहे.
शिबू सोरेन, अर्जुन मुंडा के 3 बार सीएम बनने का रिकॉर्ड तोड़ा
हेमंत सोरेन ने अपने पिता शिबू सोरेन का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया. शिबू सोरेन 3 बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने. हालांकि, वह कभी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पहली बार वर्ष 2019 में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला, लेकिन कथित जमीन घोटाला मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा और लगातर 5 साल सरकार चलाने का रघुवर दास का रिकॉर्ड वह नहीं तोड़ पाए।
11 दिसंबर तक महिलाओं के खाते में खटाखट आयेंगे 2500 रुपये
अधिकारियों ने कहा कि योजना के तहत निबंधन की प्रक्रिया भी लगातार चल रही है. दिसंबर महीने में 57 लाख से अधिक महिलाओं की संख्या योजना के लाभुक के रूप में हो सकती है. विभाग द्वारा यह तैयारी चल रही है कि 11 दिसंबर तक सबके खाते में राशि चली जाये।
सीएम राशि भेजने की करेंगे शुरुआत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ही आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले हुई कैबिनेट की बैठक में मंईयां सम्मान योजना की राशि 2500 रुपये करने का प्रावधान कर दिया था. इसमें कहा गया था कि दिसंबर माह से प्रत्येक महिला के खाते में 25-25 सौ रुपये भेजे जायेंगे. अभी वर्तमान में 1000 रुपये दिये जा रहे हैं.
क्या है मंईयां सम्मान योजना ?
मंईयां सम्मान योजना हेमंत सरकार का महत्वकांक्षी योजना है. इस योजना के माध्यम से 18 साल से 50 साल तक की महिलाओं के खाते में 1000 रुपये दिए जा रहे है. हेमंत सोरेन ने पिछली सरकार की अंतिम कैबिनेट की बैठक में यह राशि बढ़ा कर 2500 रुपये कर दी है।
रिपोर्ट – विजय सिंह