फेसबुक पर मजे से रील्स देख रहे रांची के एक व्यवसायी से 1.40 करोड़ की साइबर ठगी

0
68

सीआइडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने तेलंगाना से एक को किया गिरफ्तार

त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पीड़ित के खाते में 20 लाख 62 हजार 376 रुपये कराया वापस

साइबर अपराध थाने में 19 मई को रांची के एक व्यवसायी ने दर्ज करवाई थी प्राथमिकी

रांची। ऑनलाइन सीआइडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने 1.40 करोड़ की साइबर ठगी में एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपित मकिरेड्डी सुजीत कुमार है। यह तेलंगाना के रंगारेड्डी जिला, हैदराबाद स्थित सरूरनगर थाना क्षेत्र के भाग्यनगर कॉलोनी का रहने वाला है।
पुलिस ने उसके पास से कांड में प्रयुक्त मोबाइल व सिमकार्ड, विभिन्न प्रोपराइटरशिप फर्म के नाम पर बैंक खाता खोलने के लिए उपयोग में लाने के लिए बने रेंटल एग्रीमेंट, उद्योग रजिस्ट्रेशन, आधार व पैन कार्ड तथा कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग के क्रेडेंशियल्स के आदान-प्रदान व साइबर ठगी में प्रयुक्त वॉट्सएप चैट बरामद किया गया है।

ऐसे किया गया साइबर फ्रॉड

साइबर अपराध थाने में 19 मई को रांची के एक व्यवसायी गुरविंदर सिंह ने साइबर अपराध की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। वे वॉटर सप्लाई आदि के कारोबार से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपने आवेदन में बताया कि वे फेसबुक पर रील्स देख रहे थे।
इसी बीच एक लिंक दिखा, जिसमें ट्रेडिंग के माध्यम से मुनाफे कमाने की बात लिखी हुई थी। दिए गए लिंक पर क्लिक करने पर एक एप अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट डाउनलोड हुआ। इस पर उन्होंने खुद को पंजीकृत किया।

1.40 करोड़ रुपया का किया गया फ्रॉड

रजिस्टर करने के बाद कंपनी के कस्टमर केयर के अधिकारी ने वॉट्सएप पर संपर्क कर अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसा डालकर निवेश करने का प्रलोभन दिया। अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसा डालने के बाद संबंधित फर्जी लाभ उनके रजिस्टर्ड एप में दिखाई देता था, जिसे वे कभी ले नहीं कर पाए।
इस तरह उनके खाते से कुल 1.40 करोड़ का साइबर अपराधियों ने अवैध तरीके से हस्तांतरण कर ठगी कर लिया था। इन 1.40 करोड़ रुपयों में उनके अलावा उनके दो अन्य भाइयों के भी पैसे लगे हुए थे।

पहली बार साइबर अपराधी का दुबई कनेक्शन

यह पहली बार है, जब हांगकांड, चीन नहीं, बल्कि साइबर अपराध में दुबई का कनेक्शन सामने आया है। गिरफ्तार मकिरेड्डी सुजीत कुमार हैदराबाद से बराबर दुबई आता-जाता रहा है। उसने दुबई में रहकर भी साइबर अपराध की घटनाओं को अंजाम दिया है।

साइबर अपराध थाने की पुलिस को उसके दुबई व हैदराबाद के साथियों की भी जानकारी मिली है, जिनकी तलाश चल रही है। अनुसंधान के क्रम में इस कांड में प्रयुक्त विभिन्न प्रोपराइटरशिप फर्म के नाम पर बने कॉरपोरेट बैंक अकाउंट के ट्रांजेक्शन के आइपी का सर्वर दुबई में पाया गया।

हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया अपराधी

उक्त कांड में अनुसंधान के क्रम में संलिप्तता के बिंदु पर अनुसंधान करते हुए अनुसंधानकर्ता ने कांड में शामिल इस साइबर अपराधी को केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर व तेलंगाना पुलिस के सहयोग से रंगारेड्डी, हैदराबाद तेलंगाना से गिरफ्तार किया।
उसकी गिरफ्तारी पर समान कार्यप्रणाली के अपराध को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किए गए अलग-अलग प्रोपराइटरशिप फार्म के नाम पर बैंक खाता खोलने के लिए उपयोग में लाने के लिए बने रेंटल एग्रीमेंट, उद्योग रजिस्ट्रेशन, आधार, पैन कार्ड पाए गए।

बैंक खाते में 20 दिन में जमा हुए 4.60 करोड़

साइबर अपराध थाने की पुलिस ने छानबीन की तो एक फर्म अपोलो इंटरप्राइजेज के स्टेट बैंक आफ इंडिया के खाता 42816837564 के विरुद्ध 94 शिकायतें दर्ज मिलीं। इसकी जानकारी नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से मिली। यह भी पता चला कि इस खाते में 20 दिनों के भीतर कुल चार करोड़ 60 लाख 84 हजार 942 रुपये जमा हुए हैं।

इस खाते के विरुद्ध आंध्र प्रदेश में छह, असम में एक, गुजरात में पांच, हरियाणा में चार, केरल में तीन, कर्नाटक में सात, महाराष्ट्र में 14, पंजाब में दो, राजस्थान में चार, तमिलनाडु में तीन, उत्तर प्रदेश में सात, पश्चिम बंगाल में 12, छत्तीसगढ़ में नौ, उत्तराखंड में दो, तेलंगाना में दस, हिमांचल प्रदेश में एक, ओडिशा में एक व झारखंड में 03 मामले यानी कुल 94 मामले दर्ज हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here