देवघर। बाबा नगरी देवघर में रविवार सुबह सीता होटल के पास वर्षों पुरानी 3 मंजिला इमारत गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। इसमें आधा दर्जन से अधिक लोग दबे हैं। जिसे एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कर निकालने में जुटी है। जबकि अभी तक मलबे से 4 लोगों को निकाला गया, जिसमें 2 की मौत हो गई। मृतकों के नाम मनीष दत्त द्वारी और सुनील कुमार हैं। अभी भी मलबे में कई दबे हैं। 3 बच्चों को स्थानीय लोगों की मदद से पहले ही निकाल लिया गया था।
जेसीबी और मजदूरों को बुलाकर चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
जेसीबी और मजदूरों को बुलाकर गिरी हुई इमारत का मलबा हटवाया जा रहा है। पहला रेस्क्यू सुबह 8:30 बजे हुआ। एनडीआरएफ टीम ने अनुपमा देवी को बाहर निकाला। दूसरा रेस्क्यू 9:35 बजे हुआ। अनुपमा के पति मनीष दत्त द्वारी को निकालकर एनडीआरएफ टीम ने सदर अस्पताल भेजा। ऑनड्यूटी डॉक्टर ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सुभानी और पीहू को स्थानीय लोगों ने मलबे से सुरक्षित निकाला
सीता होटल के समीप बमबम बाबा पथ हंसकुप मुहल्ले में जिस वक्त हादसा हुआ, भवन में 3 परिवार की 3 महिला समेत 9 लोग अंदर थे. मुहल्ले वालों ने 2 लड़कियों सुभानी कुमारी और पीहू कुमारी को निकाला, लेकिन 3 महिला सहित 7 लोग फंसे रह गए. दिनेश वर्णवाल, दिनेश की पत्नी अनुपमा देवी, सुनील कुमार यादव, सुनील की पत्नी सोनी देवी व सुनील का पुत्र सत्यम कुमार मलबे में फंसा है. सभी को निकालने में एनडीआरएफ की टीम जुटी है।
घटनास्थल पर पहुंचे सांसद डॉ निशिकांत दुबे
हादसे की सूचना मिलते ही गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि सुबह 6 बजे सूचना मिली कि एक इमारत गिर गई है. लोग परेशान हैं. सभी लोग आ गए, लेकिन रेस्क्यू टीम 1 घंटे बाद पहुंची. प्रशासन के लोग देर से पहुंचे. डॉ दुबे ने कहा कि 10-12 साल पहले देवघर में एक बड़ी दुर्घटना हुई थी, तब केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की एक स्थायी टीम को देवघर में तैनात किया था. इस टीम ने ही रोप-वे हादसे के समय लोगों की जान बचाई थी। निशिकांत दुबे ने कहा कि देवघर के रोप-वे में खराबी के बारे में जैसे ही पता चला मैंने गृह मंत्री, गृह सचिव को फोन किया. जिला प्रशासन को फोन किया. तब तक गृह सचिव एक्टिव हो चुके थे. लेकिन, आज यहां प्रशासन सभी लोगों के बाद आया है. हम सब यहां आ गए, आप यहां आ गए, प्रशासन की टीम बाद में आयी. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि जितने भी लोग मलबे के नीचे दबे हैं, सभी सुरक्षित होंगे. एम्स को भी अलर्ट कर दिया है. जिला प्रशासन से कहा है कि यहां जो लोग घायल हैं, उन्हें एम्स ले जाएं. एम्स के डायरेक्टर ने 5-7 बेड की व्यवस्था कर रखी है। डीसी देवघर का कहना है कि उनका प्रोटोकॉल कहता है कि घायलों को सदर अस्पताल देवघर ले जाना है। सांसद ने कहा कि मुझे नहीं पता कि ये क्या प्रोटोकॉल है. उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाना जरूरी है. घायलों को सदर अस्पताल ले जाया गया है, लेकिन घायलों का उचित उपचार देवघर एम्स में ही हो सकता है.
मलबे के अंदर से आ रहीं हैं चीखने की आवाजें : उपायुक्त
देवघर के उपायुक्त विशाल सागर ने कहा कि सूचना मिलते ही हमने एनडीआरएफ की टीम को काम पर लगाया. दो लोगों को रिकवर किया गया है. प्रोटोकॉल के साथ सदर अस्पताल में मेडिकल टीम को तैनात कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि मलबे के अंदर से चीखने की आवाजें आ रहीं हैं. कुछ लोग अभी फंसे हैं. डीसी ने बताया कि यहां कुछ कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था. संभवत: मकान कमजोर रहा होगा, जिसकी वजह से ऐसी घटना हुई है. मकान क्यों गिरा, इसकी जांच करवाई जाएगी, लेकिन अभी हमारी प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना और उनकी जान बचाना है।