धनबाद। कांग्रेस पार्टी में सब कुछ ठीक तरह से नहीं चल रहा है। पार्टी के नेताओं में आपसी कलह सतह पर देखने को मिल रही है। पिछले दिनों जिले के प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता ने लोकसभा समन्वय समिति की बैठक के दौरान इस्तीफा की पेशकश की थी। वहीं आज जिला कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ ने बैठक कर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को पद से हटाने की मांग आलाकमान का मन से की है। जिला कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है।
अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिला महासचिव भगवान दास ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि पार्टी में अनुसूचित जाति के कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जिसके लिए बैठक कर अनुसूचित जाति समन्वय समिति का गठन किया गया है। समिति के माध्यम से पार्टी के अंदर शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को रख रहे हैं। समिति के द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों को अधिकार की मांग को लेकर एक आवेदन तैयार किया गया है। यह आवेदन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे एवं राज्य के तमाम पदाधिकारी के पास प्रेषित की जाएगी। आवेदन देने के बाद यदि उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती है तो दो दिनों बाद शांतिपूर्ण ढंग से सत्याग्रह आंदोलन करने को बाधित होंगे।
उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को किनारे कर दिया गया है। पुराने कार्यकर्ताओं को पदाधिकारी के पद पर नवाजा जाना चाहिए था। लेकिन वैसे लोगों को पदाधिकारी बनाया जा रहा है। जो जुमले बोलने में माहिर है। उन्होंने कहा की साल 1984 से हम सभी धनबाद की कांग्रेस पार्टी में शामिल है। यूथ कांग्रेस से होकर धनबाद की कांग्रेस पार्टी में सेवा देते आ रहे हैं।जिला से लेकर राज्य तक सभी जाति के लोग पदाधिकारी हैं।लेकिन इन पदाधिकारी में कोई भी अनुसूचित जाति या जनजाति का पदाधिकारी नहीं बनाया गया है। कोई भी पदाधिकारी हमारी बात नहीं सुन रहे हैं। हम अपने आवेदन को प्रदेश के सभी पदाधिकारी को देंगे। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे को अपना आवेदन देकर मांग करेंगे।
अनुसूचित जाति के नेता अवधेश पासवान ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा प्रदेश में जो भी पदाधिकारी बनाया जा रहे हैं। उसमें धनबाद जिले के किसी भी अनुसूचित जाति के कार्यकर्ताओं को नहीं रखा जा रहा है। सर्वप्रथम जिला अध्यक्ष के पद के लिए धनबाद से राय शुमारी ली गई थी। लेकिन किसी भी अनुसूचित जाति के कार्यकर्ताओं को इसमें साक्षात्कार तक नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि रायपुर की हुई बैठक में सीडब्ल्यूसी की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने 50 फ़ीसदी सीट अनुसूचित जाति जनजाति और ओबीसी को देने की बात कही थी। ताकि उनके नेतृत्व क्षमता को उभारा जा सके और कांग्रेस के हाथों को और भी मजबूत किया जा सके।