Tuesday, January 14, 2025
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मछुआरों के उत्थान के लिए झारखंड में हो मछुआ आयोग का गठन एवं हर जिले में खुले मत्स्य शिकायत कोषांग – विवेक

झारखंड एसोसिएशन ऑफ फिशरीज सोसाइटी एवं राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल आज जरमुंडी में एसोसिएशन के प्रदेश सचिव विवेक सहानी के नेतृत्व में झारखंड सरकार के कृषि एवं पशुपालन , मत्स्य मंत्री बादल पत्रलेख से मुलाकात कर एसोसिएशन ने झारखंड राज्य के मछुआरों से जुड़े दो प्रमुख मांगों को मंत्री जी के समक्ष रखा ।

जिसमें पहला यह कि बिहार की तरह झारखंड में भी मछुआ आयोग का गठन कराया जाए , इससे मछुआरों को काफी लाभ होगा तथा दूसरी मांग करते हुए कहा की झारखंड सरकार द्वारा मछुआरों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ से कोई मछुआरा वंचित ना रहे ! प्रत्येक मछुआरा को उसका हक मिले , मछुआरों से जुड़े प्रत्येक समस्याओं का समाधान हो सके ! इसके लिए झारखंड के सभी जिलों में मत्स्य शिकायत कोषांग ( मत्स्य कृषक हेल्प डेस्क) खोलने की व्यवस्था की जाएं !

विवेक सहानी ने बताया की मछुआरों के लिए चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हमारे अनपढ़ व गरीब मछुआरों तक नहीं पहुंच पा रहा है बिचौलिए इसका लाभ उठा रहे हैं ! मत्स्य विभाग में कई जिलों के अन्दर फर्जी मछुआरों का घुसपैठ हो चुका है जो सिर्फ सर्टिफिकेट दिखा करके योजनाओं को लूट रहे है ! परंपरागत मछुआरे अपनी दाल रोटी के लिए दिन रात मछली पकड़ने और बेचने में लगे हुए है और सर्टिफिकेट वाले फर्जी मछुआरे योजनाओं को लुटने में लगे है !

मत्स्य विभाग में विगत् दस वर्षों में केवल कैज कल्चर , आर एफ एफ एवं पॉटेबल हैचरी योजना पर अरबों रुपये खर्च कर दिए गए , लेकिन परिणाम दस प्रतिशत भी धरातल पर नहीं है , अगर इन योजनाओं की भौतिक सत्यापन करा ली जाएं तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी ! मछुआरों के हक का पैसा अफसरों की तिजोरियों में चला गया ! और मछुआरे आज भी वहीं का वहीं है ..

कई जिलों में मत्स्य विभाग द्वारा स्थानीय नगर निगम को तालाब हस्तांतरण कर दिया गया है लेकिन अभी तक कई जिलों के निगम ने तालाबों की बंदोबस्ती पिछले 1 साल से शुरू नहीं की है मछुआरों को इससे काफी नुकसान हो रहा है कोई सुनने वाला नहीं !

प्रतिनिधिमंडल द्वारा मंत्री के समक्ष सारी बातों को रखा गया एवं एक ज्ञापन सौंप मंत्री जी से अविलंब आयोग गठन की पहल करने तथा मत्स्य हेल्प डेस्क खोलने का आग्रह किया गया !

मंत्री के द्वारा अश्वस्त किया गया कि सरकार परंपरागत मछुआरों के साथ है ! मछुआरों के उत्थान के लिए जो भी उचित कदम उठाने होंगे .. सरकार उठाएगी ! आयोग गठन हेतु विशेष चर्चा के लिए मंत्री जी के द्वारा एसोसिएशन के सदस्यों को रांची आने के लिए आमंत्रित भी किया गया !

प्रतिनिधिमंडल में विवेक साहनी , दुमका जिला मत्स्य विभाग में मंत्री जी के प्रतिनिधि भरत कापरी , राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के हजारीबाग जिला अध्यक्ष विश्वनाथ निषाद , हजारीबाग मत्स्यजीवी सहयोग समिति के रंजीत निषाद , राजबब्बर कापरी , उपकेश केवट , रामानंद केवट , उत्तम केवट , महावीर कुमार आदि शामिल थे !!

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