धनबाद। कोयलांचल वाहन ऑनर्स एसोसिएशन की एक बैठक माइन्स रेस्क्यू धनसार में प्रवीण चंद्र ठक्कर की अध्यक्षता में की गई। बैठक का संचालन सह सचिव सुनील पांडेय ने किया। बैठक में मुख्य रूप से अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष उदय शंकर दूबे मौजूद थे।
बैठक में एरिया वन से लेकर एरिया 12, कोयला भवन, कोल वाशरी के एसओआर निबंधित सभी वाहन मालिक मौजूद थे।
बैठक को संबोधित करते हुए अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने कहा कि जिले के स्थानीय निवासी और बीसीसीएल के विभिन्न कोलियरी क्षेत्र में निवास करने वाले लोग बीसीसीएल में करीब 30-35 वर्षो से वाहन चला कर अपने परिवार का भरण पोषण करते आ रहे हैं। बीसीसीएल प्रबंधन ने 2019 में दोबारा नये तरीके से 59 सौ रूपया लेकर एसओआर कराया है। उसके बाद भी एसओआर के तहत वाहन नहीं लेकर ओपेन टेंडर के माध्यम से वाहन लेने का प्रयास कर रही है। जिसके कारण सभी वाहन मालिक इस कोरोना काल में बेरोजगार होने के कागार पर आ गये हैं। जबकि ओपेन टेंडर से कंपनी को कोई फायदा नहीं। बल्कि केवल नुकसान ही होगा। ओपेन टेंडर में बाहरी लोग डेढ़ से दो गुणा अधिक दर पर वाहन चलाने के लिए निविंदा डाला है। जबकि हमलोग एसओआर के तहत सिडयूल दर पर ही वाहन चलाते आ रहे हैं। ओपेन टेंडर हो जाने के कारण गरीब वाहन मालिक भूखमरी के कागार पर आ जायेंगे। बेरोजगार होने के कारण हमलोगों का बीबी व बच्चा भूखे मर जायेंगे। हमलोगों ने अपना जीवन बीसीसीएल में ही वाहन चलवाते हुए खत्म कर लिया है और जीवन के अंतिम पडाव में यदि बीसीसीएल हमलोगों को बेरोजगार कर देगी तो हमलोगों के पास कोई दूसरा काम करने का कोई चारा भी नहीं है। इसलिए हमसभी वाहन मालिक अपना रोजगार बचाने के लिए कोयला भवन के मुख्य द्वार पर 9 सितम्बर 2021 को एक दिवसीय धरना देकर ओपेन टेंडर का विरोध करेंगे और धरना के माध्यम से एसओआर के तहत ही पुराने वाहनों को ही चलाने की मांग करेंगे। यदि बीसीसीएल प्रबंधन हमलोगों की मांग को नहीं मानेगी तो हमलोग अपने बीबी व बच्चों को भूख से मरते नहीं देख सकते। इसलिए एक दिवसीय धरना के बाद एसओआर निबंधित वाहन मालिक कोयला भवन के मुख्य द्वार पर आत्मदाह कर अपने-अपने प्राणों की आहूती दे देंगे।
बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष उदय शंकर दूबे ने कहा कि हमलोग बीसीसीएल प्रबंधन से कोई अपनी मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि बीसीसीएल प्रबंधन ने 59 सौ रूपया लेकर सभी वाहन मालिकों को रोजगार देने का आश्वासन दिया था। 59 सौ रूपया लेकर एसओआर निबंधन का पत्र भी दिया है, लेकिन काम आज बीसीसीएल प्रबंधन पूंजीपतियों को देने का काम कर रही है। बीसीसीएल प्रबंधन ने गरीब वाहन मालिकों से 59 सौ रूपया लेकर ठगने का काम किया है। बीसीसीएल प्रबंधन अपनी हरकतों से बाज नहीं आयी और पूंजीपतियों के इशारों पर जो ताडंव कर रही है, वह बीसीसीएल प्रबंधन का काफी महंगा पड़ जायेगा। किसी भी एसओआर निबंधित वाहन मालिकों के साथ कोई हादसा हो जायेगा तो इसके लिए बीसीसीएल के अधिकारी ही पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। श्री दूबे ने कहा कि अभी हमलोग गरीब वाहन मालिकों के दुर्दशा को देखते हुए आगाह कर रहे हैं। यदि बीसीसाीएल प्रबंधन रोजगार छीन लेती है तो कई घर उजड़ भी जायेंगे।
एसोसिएशन ने सचिव मो0 गयास ने कहा कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार वाहनों को 15 साल तक मान्यता देती है। उसके बाद ही वाहन को स्क्रैप घोषित करती है। लेकिन बीसीसीएल प्रबंधन नया वाहन खरीदवाने के 5 से 7 साल बाद ही उसे स्क्रैप घोषित करने पर तुली है। बीसीसीएल के अधिकारी भारत सरकार एवं राज्य सरकार के आदेश का भी अवहेलना करने पर तुली हुई है। जबकि बीसीसीएल घाटे में चल रही है और पूंजी पतियों के साथ सांठ गांठ कर कंपनी को चूना लगाने और अपनी जेब गरम करने के लिए ललायित है।
बैठक में मुख्य रूप से कार्यकारी अध्यक्ष अजय प्रकाश पांडेय, कोषाध्यक्ष दशरथ यादव, उप कोषाध्यक्ष दिलीप यादव, मीडिया प्रभारी सुनील कुमार, अरूण सक्सेना, आरके शर्मा, प्रेम गुप्ता, संजय कुमार वर्मा, विशुनदेव यादव, उमेश यादव, निर्मल कुमार, सुभाष चंद्र तिवारी, असगर मियां, पप्पु एवं अन्य वाहन मालिक शामिल थे।