धनबाद।जिला पुलिस हर साल स्टेशन रोड स्थित हजरत शैय्यद हसन अली शाह इमाम हजरत जलाल शबीली के मजार पर चादरपोशी करती आ रही है. दशकों से यह परंपरा चली आ रही है. इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए मंगलवार को धनबाद पुलिस लाइन से जुलूस की शक्ल में पुलिसकर्मी और अधिकारी स्टेशन रोड के मजार तक पहुंचे।पुलिस के द्वारा मजार पर चादरपोशी की गई।एसएसपी संजीव कुमार ,सिटी एसपी अजीत कुमार, ग्रामीण एसपी कपिल चौधरी व डीएसपी समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी चारदपोशी में शामिल रहे।
एसएसपी संजीव कुमार ने कहा कि हर साल पुलिस के द्वारा मजार पर चादरपोशी की जाती हैं।इस साल भी हमारी पुलिस के द्वारा चादरपोशी की गई है। उन्होने कहा कि अमन-चैन के लिए यह चादरपोशी की जाती है। बहुत पहले से यह परंपरा चली आ रही है।उसी परंपरा के अनुसार आज भी चादर पोशी की जा रही है.
पुलिस मेन्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि वर्षो से चादर चढ़ाने की परंपरा है. जिले में शांति कायम रहे।साथ ही पुलिसकर्मी सुरक्षित रहे, चादरपोशी के बाद यही दुआ मांगी गई. स्टेशन रोड स्थित मजार पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उर्स का आयोजन किया गया है, जिसमे जिले के कई क्षेत्रो से लोग चादर चढ़ाने आते है।
झारखंड सुन्नी वक्फ बोर्ड के सचिव वाजिद हसन ने ईटीवी भारत से हुई बातचीत में बताया कि यह मजार दशकों पुरानी है।पहले यहां काफी जंगल हुआ करता था। यहां दो मजार है।एक मजार हजरत शैय्यद हसन अली साहब का है, जबकि दूसरा मजार हजरत जलाल शाह शबिली का है।
हजरत जलाल शाह शबिली अजमेर शरीफ में बंदों को पानी पिलाने का काम करते थे।एक दिन उनके सपने में शैय्यद हसन अली साहब आए और उन्होंने इस रेलवे की इस स्थान का जिक्र किया।अजमेर शरीफ से वह तीन बार धनबाद पहुंचे।उस समय काफी जंगल और वीरान था।लेकिन उन्हे पता नही चल सका।तीसरी बार फिर वह सपने के आए,उन्होंने अपने आप को एक वृक्ष के नीचे जमीन के अंदर होने की बात कही।जिस पर वह तीसरी बार आए उसके बाद से वह रेलवे स्टेशन रोड स्थित मजार पर उनकी सेवा देने लगे।जलाल शाह शबिली के इंतकाल के बाद उनकी भी मजार यहां बनाई गई है।